रिवाज और प्रथाओं के नाम पर अमानवीयता तो हर दिन किसी ना किसी रूप में ही रहती हैं लेकिन जो हम आज आपको बताने जा रहे हैं ये करतूत आपको हैरत में डाल देगी जिसकी कानून और सविंधान भी खिल्ली उडाता नज़र आता हैं।

पांच से आठ साल की लड़कियों के गुप्तांग की सुन्नत का यह रिवाज मुस्लिम समुदायों की स्त्रियों के लिए एक श्राप बन चूका हैं कुछ महिलाये उसके हाथ और पैर पकड़ उसके गुप्तांग का एक हिस्सा काट दिया जाता हैं। खतना करने की यह प्रथा अफ्रीकी देशो में भी प्रचलित हैं लेकिन इस प्रथा का चलन भारत के कुछ हिस्से में भी हैं। स्त्री खतना कर जिस अंग को हटाया जाता हैं दरअसल वह अंग स्त्रीओ के मासिक धर्म और प्रसव पीड़ा को कम करता हैं स्त्री के खतने के बाद कई बार स्त्री मासिक शर्म के दौरान ज्यादा पीड़ा सहन करनी पड़ती हैं। बिना किसी चिकित्सक के गुप्तांगो के ऊपरी भाग को हटाना या उसके साथ छेड़छाड़ करना ही खतना कहलाता हैं।
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