आजकल के नौजवानों को फाइट देखना बहुत पसन्द होता है लेकिन WWE के फैंस के लिए हमेशा से ही यह एक बड़ा सवाल रहा है कि क्या रिंग में दिखाई जाने वाली फाइट्स रियल होती हैं या फेक? कई लोगों का मानना है कि यह असली होती है तो कई लोगों का कहना है कि रिंग में लड़ी गई सभी फाइट्स नकली होती हैं और यह सब फेक और स्क्रिप्टिड होती है।
WWE से बकायदा राइटर्स जुड़े हुए हैं जो कि पहलवानों के मूव्स और हार-जीत का फैसला करते हैं यानि कि देखा जाए तो यह सारी फाइटस स्क्रिप्टिड होती हैं WWE वेलनेस पॉलिसी के तहत स्टेरॉयड्स या ड्रग्स लेना मना है लेकिन फिर भी रेसलर्स के स्टेरॉयड्स लेने के मामले सामने आते रहते हैं।
कड़ी मेहनत और सालों के परिश्रम के बाद रेसलर्स एक-दूसरे को ज्यादा नुकसान पहुंचाने से बचना सीख लेते हैं और रिंग को भी कुछ इस तरह बनाया गया है कि रेसलर्स को चोट ना लगे WWE की फाइट्स के साथ साथ रेसलर्स की फ़ीस भी स्क्रिप्टिड होती है यानि हारने वाले रेसलर को जीतने वाले रेसलर से ज्यादा पैसे भी मिल सकते हैं यह सभी हथियार एकदम असली होते हैं लेकिन इनको इस्तेमाल करने का तरीका रेसलर्स रेस्लिंग स्कूल में सीखते हैं।
WWE से बकायदा राइटर्स जुड़े हुए हैं जो कि पहलवानों के मूव्स और हार-जीत का फैसला करते हैं यानि कि देखा जाए तो यह सारी फाइटस स्क्रिप्टिड होती हैं WWE वेलनेस पॉलिसी के तहत स्टेरॉयड्स या ड्रग्स लेना मना है लेकिन फिर भी रेसलर्स के स्टेरॉयड्स लेने के मामले सामने आते रहते हैं।
कड़ी मेहनत और सालों के परिश्रम के बाद रेसलर्स एक-दूसरे को ज्यादा नुकसान पहुंचाने से बचना सीख लेते हैं और रिंग को भी कुछ इस तरह बनाया गया है कि रेसलर्स को चोट ना लगे WWE की फाइट्स के साथ साथ रेसलर्स की फ़ीस भी स्क्रिप्टिड होती है यानि हारने वाले रेसलर को जीतने वाले रेसलर से ज्यादा पैसे भी मिल सकते हैं यह सभी हथियार एकदम असली होते हैं लेकिन इनको इस्तेमाल करने का तरीका रेसलर्स रेस्लिंग स्कूल में सीखते हैं।
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